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हिंदी कमेंटेटर्स ने भारत में एनबीए को दिया मस्ती का तड़का

By नोर्मा गोदिन्हो
November 19, 2019 08:04 IST
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'मैंने कभी सोचा भी नहीं था एक दिन भारतीय फैन्स एनबीए मैच देखने के साथ-साथ अपनी भाषा में सुन भी पायेंगे।'

The NBA's Hindi commentator Akshay Manwani analyses games on the popular show Around the Hoop. Photograph: NBA India

फोटो: NBA के हिंदी कमेंटेटर अक्षय मानवानी अराउंड द हूप  नामक लोकप्रिय शो पर खेल का विश्लेषण करते हुए। फोटोग्राफ: NBA इंडिया

1990 के दशक में अपने बचपन के दिनों में मानवानी केबल टीवी पर बड़े चाव से NBA गेम्स देखा करते थे, लेकिन तब उन्हें पता नहीं था कि एक दिन वह NBA पंडित बनेंगे और भारत में NBA के लिये हिंदी कमेंट्री टीम का नेतृत्व करेंगे।

कमेंटेटर्स की अपनी टीम के साथ 38 वर्षीय मानवानी देश के NBA फैन्स के लिये एक मज़ेदार देसी तड़का पेश कर रहे हैं।

उदाहरण: NBA इंडिया गेम्स के दौरान -- सैक्रामेंटो किंग्स और इंडियाना पेसर्स के बीच मुंबई के NSCI डोम में पिछले महीने खेले गये पहले दो प्री-सीज़न मैचेज़ में -- मैलकम बॉग्डेन के 3 पॉइन्टर की तारीफ़ करते हुए एक कमेंटेटर ने कहा: 'नवी मुंबई से डोम में किया स्कोर!'

'ये पहला डंक! बायें हाथ का खेल, सबोनिस का' दूसरे कमेंटेटर ने एक ले-अप पर पेसर्स के डोमांटास सबोनिस के कन्वर्ज़न पर टिप्पणी करते हुए कहा।

"मैंने कभी सोचा भी नहीं था एक दिन भारतीय फैन्स NBA मैच देखने के साथ-साथ अपनी भाषा में सुन भी पायेंगे। आज लोग कहते हैं कि उन्होंने हमें टेलीविज़न पर NBA गेम की कमेंट्री करते सुना। यह हमारे लिये बेहद गर्व की बात है। इससे यह भी पता चलता है कि NBA भारत में इस खेल को लोकप्रिय बनाने पर कितना ध्यान दे रहा है," मानवानी ने नोर्मा गोदिन्हो/रिडिफ़.कॉम  से कहा।

जब दुनिया की सबसे बड़ी बास्केटबॉल लीग ने 2011 में भारत में अपने कदम रखे थे, मुझे तभी समझ आ गया था कि यह एक बड़ा बाज़ार बनने वाला है। आठ वर्षों के भीतर NBA ने पूरे भारत में कई ट्रेनिंग सेशन्स आयोजित किये हैं। जूनियर NBA प्रोग्राम के लिये रिलायंस फाउंडेशन के साथ इसकी सक्रिय पार्टनरशिप में 2013 से 6 मिलियन से ज़्यादा युवा शामिल हुए हैं।

भारतीय बाज़ार पर अपनी पकड़ को और मज़बूत करने तथा अपना फैन बेस बढ़ाने के लिये, NBA ने 2017 में हिंदी कमेंट्री के साथ मैच प्रस्तुत करने के उद्देश्य से सोनी पिक्चर्स से हाथ मिलाया।

'स्वैग के खेल' के रूप में इसका प्रचार काफी सफल रहा है और भारत में NBA के दर्शक तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

पिछले सीज़न सोनी स्पोर्ट्स चैनलों पर 350 से भे ज़्यादा NBA गेम्स भारत में लाइव प्रसारित किये गये थे, जिनमें से 78 गेम्स में हिंदी कमेंट्री भी थी।

"हिंदी कमेंट्री वाले खेल 15 मिलियन नये दर्शकों को जोड़ते हैं," मानवानी ने बताया, जो अराउंड द हूप, सैटरडे मॉर्निंग लाइव  जैसे शोज़ पर प्री- और पोस्ट- गेम ऐनलिसिस के लिये भी स्वदेशी NBA एक्सपर्ट के रूप में नियमित रूप से शामिल होते हैं।

Raman Bhanot, Akshay Manwani, centre, and Munish Jolly were part of the Hindi commentary team for the NBA India game, the pre-season game between the Sacramento Kings and the Indiana Pacers on October 5. 'To sit courtside and call an NBA game live was a special experience for each one of us.' Photograph: NBA India

फोटो: रमन भनोत, अक्षय मानवानी, बीच में और मुनीश जॉली NBA इंडिया गेम में हिंदी कमेंट्री टीम का हिस्सा थे, यह अक्टूबर 5 को सैक्रामेंटो किंग्स और इंडियाना पेसर्स के बीच खेला गया प्री-सीज़न मैच था। 'कोर्ट के पास बैठ कर NBA गेम पर लाइव कमेंट्री देना हम सभी के लिये एक ख़ास अनुभव था।' फोटोग्राफ: NBA इंडिया  

मानवानी का कार्य अनुभव प्रभावशाली रहा है, जिन्होंने साहिर लुधियानवी: द पीपल्स पोएट ऐंड म्यूज़िक, मस्ती, मॉडर्निटी: द सिनेमा ऑफ़ नासिर हुसैन  लिखी थी, जिसे वर्व स्टोरीटेलर्स अवॉर्ड में 2016 की सर्वश्रेष्ठ किताब का पुरस्कार मिला। साथ ही उन्हें बी आर चोपड़ा की महाभारत टेलीविज़न सीरीज़ में विस्तृत झलक के लिये 2014 में रेडइंक अवॉर्ड भी मिला है।

लेकिन NBA उनका पहला प्यार है।

"दिल्ली में मेरे स्कूल में बास्केटबॉल बेहद लोकप्रिय था। मैं स्कूल के बहुत पास रहता था, इसलिये हर शाम मैं बास्केटबॉल खेलने के लिये स्कूल जाता था। मेरे पिता 1990 के दशक में US की यात्रा करते रहते थे। वह मेरे और मेरे भाई के लिये फैशनेबल बास्केटबॉल स्नीकर्स लाया करते थे," मानवानी ने याद करते हुए कहा।

"जब मैं कॉलेज में था, तब मेरी माँ ने मुझे माइकल जॉर्डन पर लिखी गयी एक शानदार कॉफ़ी टेबल किताब, फोर द लव ऑफ़ द गेम  उपहार के तौर पर दी थी। मैं उस किताब की पूजा करता हूं। मेरे पास वह किताब आज भी है। इन सभी बातों से NBA के प्रति मेरा प्यार बढ़ता गया," उन्होंने आगे कहा।

मानवानी का इस खेल से प्यार इतना गहरा है कि उन्होंने अपने पहले बच्चे के जन्म के समय अपनी पत्नी के सी-सेक्शन की योजना भी इस तरह बनाई थी कि वह 2010 NBA फाइनल्स के बीच न आये!

वह ऊंचे स्तर पर बास्केटबॉल खेलने जितने मंझे हुए खिलाड़ी नहीं थे, "मैं बहुत मुश्किल से अपनी स्कूल टीम में जगह बना पाया था और कॉलेज में सिर्फ खाली समय में यह खेल खेला करता था", उन्होंने बताया, लेकिन इससे इस खेल के प्रति उनका प्यार फीका नहीं पड़ा।

"90 के दशक के बीच में केबल टेलीविज़न पर मैं हमेशा NBA बास्केटबॉल देखा करता था। यहीं से NBA के प्रति मेरा प्यार शुरू हुआ," मानवानी ने बताया।

भारतीय दर्शकों के लिये हिंदी में कमेंट्री करना मानवानी और उनकी टीम की कुशलता की एक परीक्षा की तरह था, लेकिन वे सभी इस चुनौती के लिये तैयार थे।

"जब हमने 2017 प्लेऑफ़्स और 2017 फाइनल्स के लिये हिंदी कमेंट्री करना शुरू किया, तब हम बेहद उत्साहित थे। हमें पता था कि पहली बार इस खेल को भारतीय फैन्स के लिये भारतीय भाषा में प्रसारित किया जा रहा है। हमने पहले कदम से ही इसे सफल बनाने की ज़िम्मेदारी उठाने का फ़ैसला किया," उन्होंने समझाया।

"हमने खेल के बारे में बात करते हुए देसी अंदाज़ को बनाये रखने पर पूरा ध्यान दिया, ताकि यह हमारी अपनी सांस्कृतिक भावनाओं को छू सके। हम कमेंट्री को सिर्फ खेल का बेजान, आँकड़ों पर आधारित वर्णन नहीं बनाना चाहते थे। हमारा ध्यान कमेंट्री को तेज़-तर्रार, जोशीली, दिलचस्प बनाने और उसमें अपना अनोखा भारतीय तड़का लगाने की ओर था," उन्होंने बताया।

The NBA launched Prime Time Sunday last season. Manwani says he and his team constantly keep 'ourselves updated on developments in the league not just in terms of player movements from team-to-team, but also in terms of rule changes and what players do away from the court'. Photograph: NBA India

फोटो: NBA ने पिछले सीज़न प्राइम टाइम सन्डे  की शुरुआत की। मानवानी ने कहा कि वह और उनकी टीम हमेशा 'खेल से जुड़ी पूरी जानकारी रखने पर ध्यान देती है, न सिर्फ लीग में हुई गतिविधियों और खिलाड़ियों के एक टीम से दूसरी टीम में जाने की जानकारी, बल्कि साथ ही नियमों के बदलाव और कोर्ट से बाहर खिलाड़ियों की गतिविधियों की भी जानकारी इसमें शामिल है।'  फोटोग्राफ: NBA इंडिया

मानवानी और उनकी टीम नियमित ट्रेनिंग प्रोग्राम्स में शामिल होती है। 2017 में, इंडियाना पेसर्स के कमेंटेटर क्रिस डेनारी ने उनके साथ एक कमेंट्री वर्कशॉप किया।

"हम NBA कमेंट्री के प्रतिभाशाली लोगों के लिये उपलब्ध ट्रेनिंग प्रोग्राम्स में शामिल होते रहते हैं। पिछले ही वर्ष, हमने इस प्रतिभा के लिये तीन अलग-अलग ट्रेनिंग प्रोग्राम्स आयोजित किये -- जिनमें से एक सीज़न की शुरुआत में, एक सीज़न के दौरान और आखिरी ठीक 2019 प्लेऑफ़्स से पहले आयोजित किया गया था," मानवानी ने कहा।

"NBA एक्सपर्ट और फ़ैन होने के नाते, NBA ने मुझे कमेंट्री के प्रतिभाशाली लोगों को प्रशिक्षित करने का ज़िम्मा सौंपा है," उन्होंने बताया। "मैं कमेंट्री में शामिल लोगों को रोस्टर के बदलाव, नियमों के बदलाव की जानकारी देता रहता हूं और उनके तकनीकी व्याकरण को NBA के खेल में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के अनुसार बदलता हूं।"

"इसके अलावा, हमने स्ट्रिक्टली स्पीकिंग नामक एक भाषा प्रशिक्षण फर्म की शुरुआत की है, जो क्रू के हिंदी व्याकरण पर ध्यान देता है और एक जैसे शब्दों का इस्तेमाल होने या बोलने के अंदाज़ और उच्चारण में कोई ग़लती होने पर उनमें सुधार लाता है," मानवानी ने बताया, और आगे कहा,"वे सभी तुरंत फीडबैक देने के लिये गेम्स के दौरान स्टूडियो में मौजूद रहते हैं।"

"शुरुआत से ही NBA द्वारा निर्देश दिये गये थे कि बास्केटबॉल के नियम व तकनीकी शब्द अंग्रेज़ी में रखे जायेंगे और बाकी चीज़ें हिंदी में होंगी। तो यह लगभग 90-10 का आँकड़ा है, जिसमें 'लेअप' को कमेंट्री के दौरान 'लेअप' ही कहा जाता है, लेकिन बाक़ी की भाषा हिंदी होती है," मानवानी ने कहा।

"कभी भी, किसी तरह का संदेह होने पर हम अपनी प्राकृतिक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। बाद में, हम इसकी समीक्षा करते हैं और अपना फीडबैक देते हैं अगर हमें ऐसा लगे कि कोई कमेंटेटर कमेंट्री के दौरान बहुत ज़्यादा अंग्रेज़ी का इस्तेमाल कर रहा था," उन्होंने आगे बताया।

टेलीविज़न पर NBA के दो महीने पूरे कर लेने के बाद हिंदी कमेंट्री टीम के लिये सबसे बड़ा पल तब आया, जब पिछले महीने मुंबई में सैक्रामेंटो किंग्स और इंडियाना पेसर्स के बीच हुए मुकाबले में उन्हें कोर्ट के बगल में बैठ कर लाइव कमेंट्री का मौका मिला।

"कोर्ट के बगल में बैठ कर NBA गेम की लाइव कमेंट्री करना हम सभी के लिये ख़ास अनुभव था," मानवानी ने कहा। और बात सिर्फ खेल को देखने तक सीमित नहीं थी। हमें लैरी बर्ड, डिकेम्बे म्युटॉम्बो और डेटेलेफ़ स्क्रेम्फ जैसे महान खिलाड़ियों को हमारे पास बैठते देखने का मौका मिला। यह अनुभव बेहद ख़ास था।"

'While Hindi commentary is still only three seasons old, we need to be seen and heard as experts by our audience. So, we have to read up, recognise and know the history of the game,' says Manwani. Photograph: NBA India

फोटो: 'हालांकि हिंदी कमेंट्री को अभी बस तीन ही सीज़न हुए हैं, लेकिन हमारे दर्शक हमें एक्सपर्ट के रूप में देखते और सुनते हैं। इसलिये खेल के इतिहास को पढ़ना, समझना और जानना हमारे लिये ज़रूरी है,' मानवानी ने कहा। फोटोग्राफ: NBA इंडिया

"NBA सिर्फ बास्केटबॉल तक सीमित नहीं है," मानवानी ने कहा, "इसके खिलाड़ी सामाजिक पहलों में शामिल होते हैं, अपने लाइफ़स्टाइल प्रॉडक्ट्स और सिग्नेचर स्नीकर लाइन्स चलाते हैं। कमेंटेटर्स के रूप में, हमें उन सभी चीज़ों की जानकारी होनी ज़रूरी है।

अगर लेब्रॉन जेम्स नया स्नीकर्स प्रस्तुत करें या स्टेफ़ करी किसी मूवी में काम करें, तो हमारे पास वह जानकारी होनी चाहिये ताकि हम अपने दर्शकों को सिर्फ आँकड़ों से कहीं ज़्यादा बातें बता सकें।" 

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