विशाखापटनम रेलवे स्टेशन को पिछले महीने भारत में पर्यटकों के लिये सबसे अनुकूल ट्रेन स्टेशन की उपाधि दी गयी।
आइये यात्रियों के लिये अनुकूल इस स्टेशन पर एक नज़र डालें!
लेखिका: अर्चना मसीह/रिडिफ़.कॉम
फोटो: पिछले महीने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर, आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम को केंद्र सरकार द्वारा भारत में पर्यटकों के लिये सबसे ज़्यादा अनुकूल स्टेशन घोषित किया गया।
प्रवेश द्वार के बाहर इंतज़ार करता एक आदमी, जिसके पीछे स्टेशन की दीवार पर चित्रकारी की गयी है। फोटोग्राफ: रिडिफ़.कॉम
फोटो: स्टेशन का प्रवेश द्वार ट्रैफ़िक जाम और ग़लत पार्किंग से मुक्त है, जो रेलवे स्टेशनों के बाहर दिखने वाली आम समस्याएँ हैं।
2017 में, विशाखापटनम को भारत का सबसे स्वच्छ स्टेशन घोषित किया गया था। इस स्टेशन से रोज़ 70,000 यात्री और 120 ट्रेनें गुज़रती हैं।
फोटो: स्टेशन के प्रतीक्षा क्षेत्र में लगा लगभग 4 लाख रुपये का विशाल पंखा यात्रियों को गर्मी से राहत देता है, आमतौर पर इस तरह के पंखे एयरपोर्ट और मुंबई के कुछ उपनगरीय क्षेत्रों में देखे जाते हैं।
स्टेशन पर उपलब्ध सुविधाओं के विषय में यात्रियों के संदेश। स्टेशन में एसी, नॉन एसी और इक्ज़ेक्युटिव प्रतीक्षा कक्ष हैं और स्नान की सुविधा है।
फोटो: एक फूड कोर्ट में खाने, टिफ़िन, नाश्ते, चाय और कॉफ़ी की व्यवस्था है। इंडियन रेलवेज़ के पेपर कप में एक चाय पीना तो बनता है! स्टेशन के भीतर बच्चों के खिलौने बेचने वाला एक किड्स कॉर्नर, फार्मसी, सैनिटरी टॉवेल डिस्पेंसिंग मशीन और एक गेमिंग ज़ोन है।
फोटो: प्लैटफॉर्म पर प्लास्टिक का विरोध करने वाले संदेश आकर्षक रंगों में लगाये गये हैं। ख़ास तौर एक पोस्टर कहता है कि कैरी बैग न मांगें, बल्कि बैग कैरी करें।
स्टेशन पर कूड़े की सफ़ाई और फेंकने के लिये यांत्रिक उपकरणों की व्यवस्था है। यहाँ बायो-डीग्रेडेबल (जैव विघटनशील) और नॉन-बायोडीग्रेडेबल (ग़ैर-जैव विघटनशील) कूड़ेदान हैं।
फोटो: टूरिस्ट फ्रेंडली बैज से भी ज़्यादा आकर्षक बात है स्टेशन की सफ़ाई और कम भीड़।
ग्लव्स और हाउसकोट की अपनी वर्दी में एक महिला कूड़ेदान को खाली कर रही है। स्टेशन को ठोस कूड़े के प्रबंधन के उपायों के लिये सराहा गया है।
फोटो: उस सुबह सफ़ेद वर्दी पहने ट्रेनी स्टेशन मैनेजर्स भारत के अलग-अलग हिस्सों से मार्गदर्शन और प्रक्षिक्षण के लिये आये थे। इस स्टेशन से ज़रूर उन्हें कई बातें सीखने को मिलेंगी।