आँचल श्रीवास्तव ने एक बड़ा जोखिम भरा कदम उठाया जब उन्होंने एक अच्छी नौकरी छोड़ कर फुल-टाइम सिंगर बनने का फ़ैसला लिया।
फोटोग्राफ: Aanchal Shrivastava/Instagram के सौजन्य से
आँचल श्रीवास्तव 15 साल की थीं, जब वे आँखों में सपने लिये अपनी माँ के साथ चंडीगढ़ आयी थीं और उन्होंने चैनल [V] के रिऐलिटी शो पॉपस्टार्स 2 के लिये ऑडीशन दिया था।
वो फाइनल राउंड तक नहीं पहुंच पायीं, क्योंकि उनकी उम्र कम थी -- योग्यता के लिये न्यूनतम उम्र 18 थी।
कई वर्ष बाद, 2016 में, वो इंडियन आइडल की 100 फाइनलिस्ट्स में से एक बनीं।
एक वर्ष की उम्र में ही अपना पहला स्टेज परफॉर्मेंस देने वाली ग्वॉलियर की यह चुलबुली कलाकार मानती हैं कि उनका "जन्म ही गाने के लिये हुआ है" और वे सफल गायिका बनने के अपने इस सपने को साकार करने की ओर एक बड़ा कदम उठाने के लिये हमेशा से तैयार थीं।
ऐमिटी इंटरनेशनल बिज़नेस स्कूल से इंटरनेशनल बिज़नेस ऐंड मार्केटिंग में MBA करने वाली आँचल अब कलाकार के रूप में अपनी जगह बना रही हैं और टेलीविज़न सीरियल्स, कमर्शियल्स और फिल्मों के लिये गाने गा चुकी हैं।
आँचल ने रिडिफ़.कॉम के राजेश करकेरा और हितेश हरिसिंघानी को अपने संगीत के सफ़र की जानकारी दी।
"डैड चाहते थे कि मैं पूरी ज़िंदग़ी पढ़ती रहूं -- काम, काम और पढ़ाई। मैं अक्टूबर 10, 2018 तक काम कर रही थी," उन्होंने बताया।
2018 में, उन्होंने फुल टाइम गायकी में जाने के लिये अपनी नौकरी छोड़ दी। "सिर्फ संगीत में ही रहने के फ़ैसले के साथ मैं आगे बढ़ी।"
"पहली बार मैंने गाना तब गाया था, जब मैं लगभग एक साल की थी। हम उस समय चंदा (महाराष्ट्र में नाशिक के पास) में रहते थे। वो गाना मराठी में था, असावा सुंदर चॉकलेट चा बंगला।"
इस वीडियो में आँचल ने अपने पहले परफॉर्मेंस को याद किया:
आँचल स्कूल में थी जब पहली बार उन्हें रिऐलिटी का बुखार चढ़ा।
"सबसे पहला था पॉप्स्टार्स," बैंड विवा को लाँच करने वाले रिऐलिटी सिंगिंग शो को याद करते हुए उन्होंने कहा।
"मैंने अपने दोस्तों को कहा था, अगले साल, मैं भी उनमें से एक रहूंगी।"
आँचल 15 साल की थीं, जब उन्हें पता चला कि पॉप्स्टार्स सीज़न 2 की ऑडीशन्स चंडीगढ़ में हो रही हैं।
"मैं जानती थी कि मैं योग्य नहीं हूं, क्योंकि वो लोग 18 साल से ज़्यादा वालों को ले रहे थे, और मैं सिर्फ 15 साल की थी।"
लेकिन आँचल बिना कोशिश किये हार नहीं मानना चाहती थी।
"मैंने दो ऑडीशन्स क्लियर कर लिये, जिसके बाद उन्होंने मेरा एज सर्टिफिकेट (आयु प्रमाणपत्र) मांगा।"
"रिऐलिटी का बुखार यहीं से शुरू हुआ। उसके बाद मैंने सुपर सिंगर के लिये अप्लाय किया, जिसमें मैं टॉप 50 में थी।"
2016 में, आँचल इंडियन आइडल में आयीं, और टॉप 100 में उन्होंने अपनी जगह बनाई।
इन कार्यक्रमों का हिस्सा बनने के बाद, आँचल को पता चल चुका था कि उन्हें ज़िंदग़ी में क्या करना है।
"मैं एक गायिका हूं और यहाँ गाने आई हूं।"
आँचल अपने छोटे भाई लक्ष्य 'लकी' की शुक्रग़ुज़ार हैं, जिसने उनके पूरे सफ़र में उनकी मदद की है।
"लक्ष्य दस साल छोटा है। मैं आज जहाँ भी हूं, उसका 90% श्रेय उसे ही जाता है, क्योंकि आपको हमेशा एक प्रोत्साहक, एक मददग़ार की ज़रूरत पड़ती है, जिसके लिये आपके परिवार के सदस्य से बेहतर कोई नहीं हो सकता?"
'वो मेरे बैंड में है। वो ध्यान रखता है कि मेरा सोशल मीडिया लोगों से जुड़ रहा है, बढ़ रहा है, मैं सही लोगों से जुड़ रही हूं, मेरे सिंगल्स सही रिलीज़ हो रहे हैं। वो मेरा को-फाउंडर, मेरा मैनेजर... सब कुछ है," 31 वर्षीया गायिका ने बताया, जिन्होंने हाल ही में मनमौजी रे गाना गाया है।
हालांकि आँचल टेलीविज़न और फिल्मों के लिये गा चुकी हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि जिंगल्स से ज़्यादा मुश्किल कुछ नहीं होता।
"जिंगल्स बेहद मुश्किल होते हैं, क्योंकि हमें 30 सेकंड, 60 सेकंड के गानों को गाना पड़ता है। आप अपने हिसाब से कम्पोज़ीशन को बदल नहीं सकते। फिल्मों में कम्पोज़र हमें थोड़ा-बहुत बदलने की आज़ादी देते हैं।"
"मेरी आवाज़ बहुत टेक्सचर्ड है, जिसके कारण जिंगल्स गाना मेरे लिये बेहद मुश्किल है," उन्होंने कहा।
आँचल ने सोनी ब्राविया जिंगल पर मिकी मैकक्लियरी के साथ काम किया, जिसे वह अपने सबसे चुनौती भरे कामों में से एक मानती हैं।
"मुझे गाना था थिरके रंग धम धमा धम... धम धमा धम। साथ ही मुझे कोरस के 10 लेयर्स भी कई बार गाने थे। मुझे सोनी ब्राविया का जिंगल डब करने में साढ़े सात घंटे लग गये।"
"मैं अपने प्लेबैक्स बस ढाई घंटे में डब कर लेती हूं," आँचल ने आगे कहा।
"मुझे लोगों से मिलने और उन्हें यह बताने में साढ़े तीन साल लग गये कि मैं अच्छा गाती हूं, और मेरी आवाज़ सिर्फ कवर्स (लोकप्रिय गानों को दुबारा गाना) गाने वालों से कहीं अलग है।"
"आख़िरकार, अपने दिल की सुनने और ओरिजिनल्स गाने के बाद, अपने मनपसंद संगीत में उतरने के बाद, अब लगता है कि मुझे अपनी पहचान मिल रही है।"
"लोग मुझसे मनमौजी रे गाने के लिये कहते हैं, लोग मुझसे सूना जहाँ गाने के लिये कहते हैं। लोग मुझे मदनियाँ गाने के लिये कहते हैं, जिसे मैंने तीन साल पहले रेकॉर्ड किया था।
"ख़ुद में विश्वास रखो, और अपने दिल की सुनो," आँचल ने सलाह दी "क्योंकि तभी तुम अपनी मंज़िल तक पहुंच पाओगे।"
"अपने दिल की दिखाई राह पर चलो। ख़ुद से पूछो कि सबसे अच्छा क्या है, और वहीं तुम्हें तुम्हारी मंज़िल दिखने लगेगी। तुम्हें और कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं है।"
"गिरने से मत डरो... अपने दिल और दिमाग़ को मज़बूत करो। कभी रुको नहीं।"